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Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी नागरिक के भारत में मतदान करने के दावे से मचा हड़कंप, FIR का आदेश

Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी नागरिक के भारत में मतदान करने के दावे से मचा हड़कंप, FIR का आदेश

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में रह रहे हर एक पाकिस्तानी नागरिक को वापस उनके मुल्क भेजा रहा है. इस बीच एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में रहने वाले उस्मा इम्तियाज नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने दावा किया है कि उसने भारत में अपने 17 साल के प्रवास के दौरान मतदान किया था. मामला सामने आने के बाद बारामूला जिले में चुनाव अधिकारियों ने एक विस्तृत जांच और FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.

बारामूला जिला चुनाव अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं.” उस्मा इम्तियाज ने एक वीडियो के जरिए मतदान का दावा किया था. उसने बताया था कि वह  2008 से भारत में रह रहा है. वह वीजा पर यहां आया था. इम्तियाज ने दावा किया कि उसने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हासिल किए और खुद को भारत में मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया.

DEO ने वायरल वीडियो का लिया संज्ञान 
बारामूला के जिला चुनाव अधिकारी (DEO) ने सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो का संज्ञान लिया था. वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कथित तौर पर दावा करता है कि उसने भारतीय नागरिक न होते हुए भी उरी विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है. इसके जवाब में डीईओ ने उरी के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
 
मामले पर स्थानीय कानूनी विशेषज्ञों ने जांच को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले जम्मू-कश्मीर के नागरिकता कानूनों ने POK से वापस आए लोगों को जम्मू-कश्मीर में पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर साम्राज्य के वास्तविक नागरिक के रूप में रहने की अनुमति दी थी. अदालतों ने PoK से लौटने वाले या पाकिस्तानी नागरिकता त्यागने वाले नागरिकों को भारत गणराज्य की नागरिकता के लिए उनके आवेदन लंबित रहने तक जम्मू-कश्मीर का नागरिक माना जाने की अनुमति दी.

भारत की नागरिकता देना सरकार का अधिकार
भारत की नागरिकता देना संघ सरकार के अधिकार क्षेत्र में था. नाम न बताने की शर्त पर एक वकील ने कहा, “इसके लिए कुछ निर्धारित औपचारिकताओं को पूरा करना आवश्यक है, जो जम्मू-कश्मीर के अपने नागरिकता कानूनों के अनुसार अनिवार्य नहीं है.” इम्तियाज जम्मू-कश्मीर में उन 59 पाकिस्तानियों में शामिल थे, उन्हें देश छोड़ने के लिए दी गई 27 अप्रैल की समय सीमा समाप्त होने के बाद निर्वासित किया गया था. केंद्र ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए वीजा रद्द कर दिए थे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे.

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