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Pahalgam Attack: ‘POK पर करो कब्जा, यही है पहलगाम के पीड़ितों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि’, किसने की ये मांग?

Pahalgam Attack: ‘POK पर करो कब्जा, यही है पहलगाम के पीड़ितों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि’, किसने की ये मांग?

Pahalgam Attack News: ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एमएस. बिट्टा ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान बार-बार पीठ में छुरा घोंपता रहा है और अब समय आ गया है कि भारत उसे करारा जवाब दे. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) को कब्जे में लेना ही पहलगाम में मारे गए भारतीय नागरिकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

पीओके को वापस लेकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दें- बिट्टा

बिट्टा गुजरात के भावनगर शहर में यतीश परमार और उनके बेटे स्मित परमार के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. ये दोनों 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे. पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में बिट्टा ने कहा, “मुंबई आतंकवादी हमला हो, संसद पर हमला या फिर पिछले साल के सिलसिलेवार बम धमाके हो, पाकिस्तान ने कई बार भारत को धोखा दिया है. अब समय आ गया है कि भारत पीओके को वापस लेकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दे. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह पीओके को भारत में शामिल करे.”

अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर में शांति स्थापित की- बिट्टा

उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को ‘कैंसर’ बताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह देश से आतंकवाद को जड़ से खत्म करें. बिट्टा ने इस मुद्दे पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए कहा कि विपक्ष को प्रधानमंत्री के साथ खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा, “गुजरात ने देश को प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे नेता दिए हैं. दोनों ने अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर में शांति स्थापित की. भले ही गोलीबारी की कुछ घटनाएं हुईं, लेकिन स्थिति सामान्य रही.”

पहुलगाम हमले का उल्लेख करते हुए बिट्टा ने खुफिया तंत्र में खामियों की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “जब भी मैं गुजरात आता हूं, तो यहां की पुलिस सतर्क रहती है, जबकि मुझे यहां कोई खतरा नहीं है. लेकिन कश्मीर में स्थानीय खुफिया जानकारी की कमी थी और हमले के समय कोई पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं था, जो निहत्थे पर्यटकों की सुरक्षा कर सके.” उन्होंने बताया कि यतीश परमार और उनका बेटा स्मित भावनगर के 20 अन्यनिवासियों के साथ 16 अप्रैल को मुरारी बापू के प्रवचन में शामिल होने कश्मीर गए थे.

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